हमारे द्वारा भारत का राष्ट्रीय पशु ( बंगाल टाइगर ) की जानकारी दी गई हैं। भारत का राष्ट्रीय पशु ( बंगाल टाइगर ) से सम्बंधित प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते है। यदि आप विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे: IAS , Teacher , UPSC , PCS , SSC , Bank , MBA एवं अन्य सरकारी नौकरियों के लिए तैयारी कर रहे हैं, तो आपको भारत का राष्ट्रीय पशु ( बंगाल टाइगर ) के बारे में अवश्य पता होना चाहिए।
✻ भारत का राष्ट्रीय पशु बाघ को क्यों माना जाता हैं
राजसी बाघ, तेंदुआ टाइग्रिस धारीदार जानवर होता है । इसकी मोटी पीली लोमचर्म का कोट का आवरण होता हैं तथा शरीर पर गहरी धारीदार पट्टियां होती हैं। शालीनता, दृढ़ता, फुर्ती और अपार शक्ति के कारण बाघ को भारत के राष्ट्रीय जानवर का गौरव प्रदान किया । इसी के कारण भारत का राष्ट्रीय पशु माना जाता हैं
► बाघ ( भारत का राष्ट्रीय पशु ) का वैज्ञानिक नाम 'पैंथेरा टिगरिस -लिन्नायस' है |
► बाघ की आठ प्रजातियों है जिसमें से भारत में पायी जाने वाली बाघ प्रजाति को 'रॉयल बंगाल टाइगर' के नाम से जाना जाता है
► आठ किस्मों की प्रजाति में से शाही बंगाल टाइगर (बाघ) उत्तर पूर्वी क्षेत्रों में नहीं पाया जाता हैं और देश के सभी क्षेत्रों में पाया जाता है और पड़ोसी देशों में भी पाया जाता है,
जैसे :- नेपाल, भूटान और बांग्लादेश।
► भारत में बाघों की घटती संख्या को देखते हुए वर्ष 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर शुरू किया गया था अब तक इस प्रोजेक्ट के अधीन 27 बाघ के आरक्षित क्षेत्रों की स्थापना हुई हैं जिनमें 37, 761 वर्ग कि.मी. क्षेत्र शामिल है।
► टाइगर प्रोजेक्ट के शुरू होने के बाद से भारत में टाइगर्स की संख्या में वृद्धि होना शुरू हो गयी थी ।
► वर्ष 2006 में देश में टाइगर्स की कुल संख्या 1411 थी जो 2018 में बढ़कर 2967 हो गयी थी कर्नाटक में यह संख्या 524 और उत्तराखंड में कुल 442 बाघ देखे गए हैं ।