✻ भारतवर्ष के प्राकृतिक विभाग
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भारतवर्ष के प्राकृतिक विभाग :-
➥ सम्पूर्ण भारतवर्ष को निम्नलिखित प्राकृतिक विभागों में बाँटा गया है-
( A ) हिमालय श्रृंखला :-
➥ भारतवर्ष का पहला प्राकृतिक
विभाग हिमालय श्रृंखला पश्चिम से पूर्व की ओर 1600 मील
लम्बी दूरी तक फैली हुई है जिसमें नेपाल, भूटान, सिक्किम,
उत्तर प्रदेश के पहाड़ी जिले, कश्मीर एवं शिमला के पास का
प्रदेश आता है |
➥ यह प्राकृतिक विभाग उत्तरी स्थल सीमा
(बनाने से लेकर जलवायु, उपज, धार्मिक, राजनीतिक एवं
मानवीय जीवन को भी प्रभावित करता है |
( B ) उत्तर भारत के मैदान : -
➥ यह प्राकृतिक विभाग
हिमालय और विन्ध्य मेखला के मध्य स्थित है |
➥ हिमालय से
निकलने वाली नदियों के द्वारा ही इस विभाग का निर्माण
हुआ है |
उत्तर भारत के मैदानों को तीन भागों में बाँटा गया
है -
(1) गंगा घाटी के मैदान
(2) सिन्धु घाटी के मैदान
(3)
ब्रह्मपुत्र घाटी के मैदान |
( 1 ) गंगा घाटी के मैदान :-
➥ गंगा घाटी उत्तर भारत के मध्य में
अवस्थित है, जिसे पहले बंगाल क्षेत्र को छोड़कर मध्यदेश के
नाम से पुकारा जाता था |
➥ माना जाता है कि सबसे पहले
आर्य राज्यों का उदय इसी प्रदेश में हुआ था और इसी प्रदेश
से भारतीय सभ्यता का प्रसार सिन्धु घाटी ब्रह्मपुत्र घाटी और
दक्षिणी प्रदेशों में हुआ था |
( 2 ) सिन्धु घाटी के मैदान :-
➥ गंगा घाटी के पश्चिम क्षेत्र में
सिन्धु घाटी है, जो सिन्धु एवं उसकी सहायक नदियों के द्वारा
सिंचित होती है |
➥ इनके मध्य एक जलविभाजक है जो दक्षिण
में अरावली और उत्तर में शिवालिक की भुजाओं के मिलने
के कारण बना है |
➥ इनके बीच में 'दिल्ली' अवस्थित है जिन्हें
दोनों के बीच का द्वार कहते हैं |
➥ इस द्वार को पार करने के
बाद खैबर दर्रा आता है |
( 3 ) ब्रह्मपुत्र घाटी के मैदान :-
➥ गंगा घाटी के पूर्व में ब्रह्मपुत्र
घाटी अवस्थित है |
➥ यह क्षेत्र पर्वतीय प्रदेश है |
➥ मध्यदेश से
आर्य गांधार तक पहुँच गये, लेकिन उस क्षेत्र में उनका प्रसार
मन्द गति से हुआ |
➥ यह दुर्गम क्षेत्र था जिस पर आक्रमण
होना मुश्किल था |
➥
इनके अतिरिक्त उत्तरी भारत के मैदानों में दक्षिण की
ओर पश्चिम से पूर्व सिन्धु, राजस्थान और मालवा का प्रदेश
आता है |
( C ) विन्ध्य मेखला :-
➥ बंगाल की खाड़ी से लेकर अरब
सागर तक विन्ध्याचल पर्वत की श्रेणियाँ फैली हुई हैं |
➥
भारतवर्ष के निचले प्रदेश में लटकने के कारण इसे मेखला
(करधनी) कहा जाता है |
➥ यह पहाड़ी प्रदेश दक्षिण भारत को
उत्तर भारत से अलग करता है |
( D ) दक्षिणी प्रायद्वीप :-
➥ यह प्राकृतिक विभाग समुद्र के
तीनों भागों से घिरा हुआ एवम् विन्ध्यमेखला से उत्तर में
अवस्थित है |
➥ इसके अन्तर्गत पूर्वी एवं पश्चिमी घाट के प्रान्त
तथा मध्य के पठार समाहित है |
➥ इसके दक्षिण में श्रीलंका है |
➥
सह्याद्री से लेकर दक्षिण में नीलगिरि तक पश्चिमी घाट मिला
हुआ है |
➥ दक्षिणी त्रिभुजाकार प्रायद्वीप एवं समुद्र के मध्य
संकरा समुद्र तट है जिसे उत्तर में कोंकण और दक्षिण में
केरल कहा जाता है |
➥ इस समुद्र तट के पूर्व भाग में पश्चिमी
घाट का पर्वतीय प्रदेश है जिसके उत्तर में महाराष्ट्र एवं
दक्षिण में कर्नाटक है |
➥ पश्चिमी और पूर्वी घाट के मध्य दक्षिण
का पठार अवस्थित है |
➥
➥
दक्षिण प्रायद्वीप के पूर्वी समुद्र तट से परे पूर्वी घाट की
शृंखला उत्तर से दक्षिण की ओर जाती है |
➥ दक्षिण क्षेत्र की
सभी नदियाँ पश्चिम घाट से निकलकर दक्षिण के पठार से
पूर्वी घाट को काटकर 'बंगाल की खाड़ी' में गिरती हैं |
➥ पूर्वी
घाट पश्चिमी घाट से नीचा एवं पूर्व का समुद्र तट पश्चिमी
समुद्र तट से चौड़ा है, जिसका उत्तरी भाग कलिंग एवं दक्षिण
भाग चोलमण्डलम् कहलाता है |
( E ) सुदूर दक्षिण :-
➥ कृष्णा के दक्षिण समुद्र एवं तुंगभद्रा से
घिरा प्रान्त सुदूर दक्षिण या द्रविड़ प्रदेश के नाम से जाना
जाता है |
➥ इस सुदूर दक्षिण प्रदेश के पूर्वी एवं पश्चिमी घाट
नीलगिरि पर मिलते हैं जिनके मध्य का पठार पुराना कर्नाटक
है जो आजकल मैसूर है |
➥ इसके पूर्व में एवं समुद्र के पीछे
तमिल प्रदेश अवस्थित है |
➥ केरल और तमिल प्रान्त के मध्य में
मलय पर्वत है |
➥ सर्वाधिक जातिगत भेदभाव इसी प्रदेश में
पाया जाता है |