संविधान का भाग-2 { नागरिकता (अनुच्छेद 5-11) } और विभागो की सूची | PDF Download

 संविधान का भाग-2 { नागरिकता (अनुच्छेद 5-11) }  और विभागो की सूची

संविधान का भाग-2 { नागरिकता (अनुच्छेद 5-11) } और विभागो की सूची का अध्धयन :-

भारतीय संविधान के विभाग :-

भाग विषय Article (अनुच्छेद)
भाग 1 संघ एवं इसके राज्य राज्यों का पुनर्गठन 1 - 4
भाग 2 नागरिकता 5 - 11
भाग-3 मौलिक अधिकार 12 - 35
भाग 4 राज्य के नीति निदेशक तत्व 36 - 51
भाग 4 ( क ) मौलिक कर्तव्य 51 (A)
भाग 5 संघ ( विधायिका कार्यपालिका और न्यायपालिका) 52 - 151
भाग 6 राज्य की विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका 152 - 236
भाग 8 संघ शासित क्षेत्र 239 - 242
भाग 9 पंचायत 243
भाग 9 (A) नगर पालिका 243
भाग 9 (B) सहकारी समितियां 243
भाग 10 अनुसूचित जाति एवं जनजाति क्षेत्र 244
भाग 11 संघ एवं राज्यों के बीच संबंध 245 - 263
भाग 12 वित्त एवं संपत्ति 264 - 300 (A)
भाग 13 व्यापार एवं वाणिज्य 301 - 307
भाग 14 संघ एवं राज्यों के अधीन सेवाएं 308 - 323
भाग 15 निर्वाचन 324 - 329
भाग 16 विशेष वर्गों के लिए विशेष उपबंध 330 - 342
भाग 17 राजभाषा 343 - 351
भाग 18 आपात उपबंध 352 - 360
भाग 19 प्रकीर्ण 361 - 367
भाग 20 संविधान संशोधन 368
भाग 21 अस्थाई प्रावधान 369 - 392
भाग 22 संक्षिप्त एवं हिंदी में अनुवाद 393 - 395

Note :- भाग 7 को प्रथम अनुसूची के भाग ख के राज्य ( संविधान संशोधन अधिनियम , 1956 द्वारा निरस्त कर दिया गया ) |

संविधान का भाग-2 :- नागरिकता (अनुच्छेद 5-11)

भारतीय संविधान में ब्रिटेन से एकल नागरिकता का प्रावधान लिया गया हैं । 26 जनवरी 1949 से अंगीकृत किए गए संविधान के 15 अनुच्छेदों में से नागरिकता के भी अनुच्छेद- 5,6,7,8,9 शामिल थे ।

अनुच्छेद-5 :-

नागरिकता की परिभाषा
नागरिकता दो प्रकार की होती है -
एकल नागरिकता
दोहरी नागरिकता ( यह USA एवं स्विजरलैंड में लागू है )

संविधान के प्रारंभ में :-

भारत में निवास करने वाला वो प्रथम व्यक्ति भारत का नागरिक माना जाएगा जो -
1. जो भारत राज्य क्षेत्र में जन्मा हो ।
2. जिसके माता-पिता में से कोई एक भारत का नागरिक हो ।
3. वह कम से कम 5 वर्ष से भारत में निवास कर रहा हो ।
4. वह 26 जनवरी 1950 को भारत राज्य क्षेत्र का आधिवासी हो ।
5. वह व्यक्ति जो 19 जुलाई 1948 से पहले भारत आया हो और सामान्य रूप से भारत में निवास कर रहा हो ।
6. वह व्यक्ति या उसके माता-पिता या उसके पूर्वज अविभाजित भारत में पैदा हुए हो ।

अनुच्छेद-6 :-

पाकिस्तान से भारत आने वाले लोगों की नागरिकता के विषय में ।
वह व्यक्ति जो 19 जुलाई 1948 के बाद पाकिस्तान से भारत आया हो और यहां 6 महीने रहने के बाद उसने संविधान लागू होने से पहले अपना पंजीकरण करा लिया, वह भारत की नागरिकता ग्रहण कर सकता है ।

अनुच्छेद-7 :-

भारत से पाकिस्तान जाने वाले लोगों के नागरिकता के विषय में ।
वह व्यक्ति जो भारत से पाकिस्तान पलायन कर गया , उसकी भारत की नागरिकता समाप्त या रद्द कर दी गई ।

अनुच्छेद-8 :-

भारतीय मूल का व्यक्ति की नागरिकता ।
यदि कोई व्यक्ति , उसके माता-पिता या उसके पूर्वज अविभाजित भारत में जन्मा हो और वह भारत क्षेत्र के बाहर निवास कर रहा हो तो वह पंजीकरण द्वारा भारत की नागरिकता ग्रहण कर सकता है ।

अनुच्छेद-9 :-

नागरिकता का निलंबन ।
भारतीय नागरिक द्वारा किसी भी देश की नागरिकता ग्रहण करने पर उसकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जाती है ।

अनुच्छेद-10 :-

नागरिकता के अधिकारों का बने रहना ।
भारत में किसी की भी नागरिकता का अधिकार संसद द्वारा बनाई गई विधि या कानून के अलावा किसी और प्रकार से छीना नहीं जा सकता ।

अनुच्छेद-11 :-

संसद को अधिकार है कि वह नागरिकता के कानूनों में संशोधन कर सकती है ।



नागरिकता अधिनियम ,1955 :-

इसके तहत नागरिकता प्राप्त करने के 5 तरीके बताए गए हैं -

1. जन्म से नागरिकता :-

अधिनियम 1951 के तहत वह व्यक्ति जो 26 जनवरी 1950 या इसके बाद भारत में जन्म हो तो वह जन्म से भारत का नागरिक कहलाएगा ।
1986 के नागरिकता संशोधन अधिनियम के तहत भारत में जन्मा वही व्यक्ति भारत का नागरिक कहलाएगा जिसके माता-पिता या दोनों में से कोई एक भारत के नागरिकों होंगे ।
अपवाद :- यह किसी भी राजनयिक, शत्रु देश या विदेशी पर लागू नहीं होगी ।

2. वंशानुगत नागरिकता :-

26 जनवरी 1950 या उसके बाद भारत के बाहर जन्मा कोई भी व्यक्ति वंशानुगत भारतीय नागरिक माना जाएगा यदि उसके माता-पिता या उनमें से कोई एक भारत का नागरिक हो ।
माता के आधार पर वंशानुगत नागरिकता का प्रावधान नागरिकता संशोधन अधिनियम 1992 के तहत किया गया हैं ।

3. पंजीकरण नागरिकता :-

नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत किसी भी व्यक्ति (अवैध रूप से अप्रवासी ना हों ) को पंजीकरण के द्वारा भारतीय नागरिकता दी जा सकती है , यदि वह निम्न श्रेणी में हो -
भारतीय मूल का व्यक्ति हो और आवेदन से पहले न्यूनतम 7 साल से भारत में रह रहा हो ।
पंजीकरण से पूर्व 12 महीने लगातार भारत में रहना अनिवार्य है ।
पंजीकरण से पहले पिछले 8 वर्ष में उसका निवास न्यूनतम 6 वर्ष होना चाहिए ।
भारतीय नागरिक से विवाहित व्यक्ति जो पंजीकरण से पहले न्यूनतम 7 वर्ष पहले भारत में रह रहा हो।
भारतीय नागरिक के नाबालिक बच्चे ।
ऐसा व्यक्ति जिसके माता एवं पिता पहले से भारत में नागरिकता के लिए पंजीकृत हो ।
ऐसा व्यक्ति जो 5 वर्षों से भारतीय ओवरसीज नागरिकता कार्ड के लिए पंजीकृत हो और आवेदन से पहले न्यूनतम 12 वर्षों तक से भारत में रह रहा हो ।
नागरिकता संशोधन अधिनियम 2015 के तहत इसमें 30 दिन की छूट दी गई है ।

4. देशीयकरण से नागरिकता :-

यदि कोई व्यक्ति भारत में पिछले 14 वर्षों में न्यूनतम 11 वर्ष से रह रहा हो तो वह अपने देश की नागरिकता छोड़कर भारत की नागरिकता ग्रहण कर सकता है ।
इसकी निम्न शर्ते है -
आवेदन से पहले वह न्यूनतम 12 माह से भारत में रह रहा हो ।
संविधान में वर्णित 22 भाषाओं में से किसी एक भाषा का ज्ञान उसे होना चाहिए ।
नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के तहत इस अवधि को 11 वर्ष से घटाकर 5 वर्ष कर दिया है ।
जो व्यक्ति 31 दिसंबर 2014 या उससे पहले भारत में आया हो , वह देशीयकरण से नागरिकता ग्रहण कर सकता है ।लेकिन यह केवल अफगानिस्तान , पाकिस्तान तथा बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिंदू , सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध , पारसी समुदाय के लोगों पर लागू होता है ।

5. विलेय से नागरिकता या भूमि विस्तार से नागरिकता :-

यदि किसी भी बाहरी क्षेत्र का विलय भारत राज्य क्षेत्र में होता है तो उसमें आने वाले सभी लोग तत्काल प्रभाव से भारत के नागरिक बन जाते हैं ।

नागरिकता का निलंबन या अंत :-

1. स्वत: ही त्याग देने पर ।

2. सरकार द्वारा निलंबन


3. नागरिकता से वंचित करना :-

इसके लिए निम्न आधार तय किए गए हैं -
संविधान का उल्लंघन करने पर ।
युद्ध काल में शत्रु की मदद करने पर ।
गैरकानूनी तरीके से नागरिकता ग्रहण करने पर ।
पंजीकरण या देशियकरण से नागरिकता प्राप्त करने के 5 वर्ष के भीतर 2 वर्ष की सजा पाने पर ।
भारतीय महिला द्वारा विदेशी के साथ विवाह करने पर ।
भारत से लगातार 7 वर्ष बाहर रहने पर ।

भारतीय मूल के लोगों को ओवरसीस नागरिकता :-

नागरिक संशोधन अधिनियम 2003 और 2005 के तहत भारतीय मूल के लोगों को भारतीय ओवरसीस नागरिकता ( OCI ) का प्रावधान किया गया है ।

प्रावधान :-

अगर कोई भी व्यक्ति 26 जनवरी 1950 या उसके बाद भारत के बाहर जाकर बस गया और वही कि नागरिकता कर ली तो वह OCI में पंजीकरण करा सकता है । यह प्रावधान पाकिस्तान एवं बांग्लादेश के लिए लागू नहीं है । इसे ही दोहरी नागरिकता कहा जाता है ।

Note :- OCI कार्ड धारक सदैव भारत में बिना वीजा आ जा सकते हैं लेकिन इन्हें अनुच्छेद 326 के तहत मतदान का अधिकार तथा अनुच्छेद 16 के तहत अवसर की समानता प्रदान नहीं की जाती है ।
नागरिकता संशोधन अधिनियम 2015 के तहत PIO कार्डधारक ( भारतीय मूल का व्यक्ति ) को भी OCI में मिला दिया गया है ।
परंतु NRI ( प्रवासी भारतीय) को मतदान का अधिकार दिया जाता है ।


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