चुंबकत्व [ 12th class Physics Notes ]
पृथ्वी चुंबक की तरह व्यवहार करती है -
1. जब छड़ चुंबक को स्वतंत्रतापूर्वक लटकाया जाता है तो यह N और S दिशा में ही क्यों अभिविन्यासित हो जाती है ।
2. चुंबकीय बल रेखा खींचते समय उदासीन बिंदु क्यों प्राप्त होते हैं ?
3. किसी लोहे की छड़ को पृथ्वी के भीतर रखने पर उसमें चुंबक के गुण आ जाते हैं क्यों |
Note : पृथ्वी के चुंबकत्व का वास्तविक कारण अभी तक नहीं खोजा गया है
पृथ्वी छड़ चुंबक की तरह व्यवहार करती है इसलिए अक्ष भौगोलिक भौगोलिक अक्ष से 11.3° का कोण बनाती है ।
पृथ्वी रूपी चुंबक का दक्षिणी ध्रुव भौगोलिक उत्तरी ध्रुव की ओर होता है तथा पृथ्वी रूपी छड़ चुंबक का उत्तरी ध्रुव भौगोलिक दक्षिणी ध्रुव की ओर होता है यही कारण है कि जब छड़ चुंबक को स्वतंत्रतापूर्वक लटकाते हैं तो इसका उत्तरी ध्रुव, उत्तर दिशा में तथा दक्षिणी ध्रुव , दक्षिण दिशा में अभिविन्यासित हो जाता है ।
भू–चुंबकत्व को व्यक्त करने वाले तत्व -
1. दिक् पात कोण :–
पृथ्वी के किसी स्थान पर भौगोलिक याम्योत्तर और चुंबकीय याम्योत्तर के बीच का कोण, दिक् पात कोण कहलाता है
2. नति या नमन कोण :-
यदि किसी चुंबकीय सुई को उसके गुरुत्व केंद्र पर इस प्रकार किलकित किया जाए कि यह ऊर्ध्वाधर तल में स्वतंत्रता पूर्वक घूर्णन कर सकें तो पृथ्वी के किसी स्थान पर चुंबकीय सुई द्वारा क्षैतिज के साथ बनाया गया कोण नति कोण कहलाता है ।
Note : भूमध्य रेखा पर नति कोण का मान 0° होता है तथा ध्रुवों पर 90° होता है ।
पृथ्वी के कुल चुंबकीय क्षेत्र का क्षेतिज घटक –
नति कोण ( θ ) :-
समीकरण (2) में समीकरण (1) से भाग करने पर
भू-चुंबकत्व एवं भू–चुंबकत्व को व्यक्त करने वाले तत्व PDF Download
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