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राजकीय ख्यातों के लेखको द्वारा अपने शासकों की यशोगाथा का वर्णन करने की प्रक्रिया को ख्यात साहित्य कहा जाता हैं।
ख्यात के दो प्रकार किए जा सकते हैं -
(1) जिसमें लगातार या संलग्न इतिहास हो ,जैसे - दयालदास की ख्यात
(2) जिसमें अलग-अलग बातों का संग्रह हो जैसे- ननऐणसई ओर बाकी दास की ख्यात
ख्यात साहित्य से सम्बंधित महत्त्वपूर्ण जानकारी -
1. राजकीय ख्यातों के लेखक राजकीय कर्मचारी,पंचोली आदि लोग थे। स्वतंत्र रुप से लिखी गई ख्यातों में नैणसी दयालदास ओर बांकीदास के नाम महत्त्वपूर्ण है।
2. ख्यातों के अधिकांश लेखक राजाओं के परम्परागत मउसआहइब मैं और उनका एकमात्र लक्ष्य अपने शासक कि यशोगाला का वर्णन करना था।
3. ख्यातों के आधार पर इतिहास का निर्माण करते समय काफी ध्यान रखने की आवश्यकता है क्योंकि इसमें कई प्रकार की कमियां रह गई जिन्हें अन्य साधनों से पूरा करने की जरूरत है।
निष्कर्ष (तर्क) :- हमारे द्वारा लिखे गए इस लेख में ख्यात साहित्य से सम्बंधित जानकारी का अध्धयन किया होगा | इस लेख हमारे द्वारा ख्यात साहित्य से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी है और हम आशा करते है यह जानकारी आपको बहुत पसंद आई होगी | अगर आपको यह जानकारी पसंद आती है तो नीचे दिए comment बॉक्स में comment करे और हमसे जुड़े रहने के लिए follow ओर telegram channel में जुड़ सकते हो |
ख्यात साहित्य क्या है ? | PDF Download |
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