✻ मादा जनन तंत्र के सम्पूर्ण भागों का अध्ययन
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मादा जनन तंत्र के सम्पूर्ण भाग :-
मादा जनन तंत्र के निम्न अंग होते हैं :-
1. अण्डाशय
2. अण्डवाहिनियां
3. गर्भाशय
4. योनि
5. सहायक ग्रंथियां
1. अण्डाशय :-
मनुष्य में मादा के अंदर एक जोड़ी अण्डाशय उदर गुहा के नीचे की तरफ स्थित होते हैं जिसकी आकृति अंडाकार होती है। यह अण्डाशय मादा जनन तंत्र का मुख्य अंग है । अण्डाशय उपकला जनन नलिकाओ से मिलकर बना होता है जिसमें उपकला जनन कोशिकाएं पाई जाती है इसमें अर्धसूत्री विभाजन द्वारा अगुणित अंडाणुओ का निर्माण होता है । अण्डाशय द्वारा मादाओ में एस्ट्रोजन हार्मोन स्रावित होता है । यह हार्मोन द्वितीय गौंन लैंगिक लक्षण पैदा करता है ।
जैसे -
1. आवाज को पतला होना ।
2. वसा का संचित होकर शरीर का सुढोल व सुंदर बनना ।
3. जननांगों का विकास होना ।
4. स्तनों का विकास होना ।
5. मासिक चक्र का आना ।
6. लड़कों की तरफ आकर्षित होना ।
Note :- एस्ट्रोजन हार्मोन के अलावा मादा में प्रोस्ट्रोजन , ऑक्सीटोसिंन और रिलेक्सिन हार्मोन स्रावित होता है ।
प्रोस्ट्रोजन :- यह हार्मोन प्लेसेंटा द्वारा स्त्रावित होता हैं । यह भूर्ण को गर्भाशय भित्ति से जोड़े रखने का कार्य करता हैं ।
ऑक्सीटोसिन :- यह हार्मोन पीयूष ग्रंथि द्वारा स्रावित होता है यह हार्मोन मासिक चक्र को नियंत्रित रखता है और प्रसव के समय योनि की पेशियों में संकुचन करता है ।
रिलेक्सीन : - यह हार्मोन अपरा द्वारा स्त्रावित होता हैं ।यह प्रसव पीड़ा को कम करता हैं ।
2. अण्डवाहिनियां :-
यह प्रत्येक अंडाशय को गर्भाशय से जोड़े रखती है और अंडाशय में निर्मित अंडाणुओ को गर्भाशय तक लाने का कार्य करती है ।
3. गर्भाशय :-
यह एक माशल थैले जैसी संरचना होती है जो शुक्राणुओं को अण्डवाहिनियां तक लाने का कार्य करती है और भ्रूण का रोपण करती है गर्भाशय की पीछे की ओर एक संकिरा नलिका में खुलती है जिसे ग्रीवा कहते हैं |
4. योनि :-
यह मादा का बाह्य जननांग होता है जो एक लचीली मांसपेशियों से मिलकर बना होता है योनि के द्वारा शुक्राणुओं को गर्भाशय तक पहुंचाया जाता है ।
5. सहायक ग्रंथियां :-
मादा जनन तंत्र में 2 सहायक ग्रंथियां होती है -
ब्रोथोलीन :-
यह ग्रंथि क्षारीय चिपचिपे पदार्थ का स्त्राव करती है जो मूत्रमार्ग को चिकना व अम्लीय से क्षारीय करता है ।
पेरेनियल ग्रंथि :-
यह ग्रंथि मलाशय के पास स्थित होती है इससे एक गंध युक्त पदार्थ स्त्रावित होता है जो विपरीत लिंग को अपनी ओर आकर्षित करता है ।
मासिक चक्र ( The Menstrual cycle ) :-
➣ मासिक चक्र फॉलिकल्स एवं अंडों के उत्सर्जन का एक मासिक चक्र है इसके द्वारा अंडों का उत्सर्जन होता है तथा महिला द्वारा गर्भधारण किया जाता है । ➣ मासिक चक्र मुख्यतया 28 दिनों का होता है ।
रजोनिवृत्ति ( Menopause ) :-
➣ वह समय है जब महिला का मासिक धर्म रुक जाता है जय महिला के गर्भ धारण करने या संतानोत्पत्ति की प्रक्रिया के समाप्त होने का सूचक है रजोनिवृत्ति अवस्था में होता है अंडा से एस्ट्रोजन नामक हार्मोन का निर्माण बंद कर देता है
निषेचन या गर्भधारण ( Fertilization or Conception )
➣निषेचन दो युग्मको ( Gametes ) , अंडाणुओ एक शुक्राणुओ के मिलन की प्रक्रिया है , जिसके माध्यम से बच्चे के जन्म का कार्य प्रारंभ होता है
निषेचन दो प्रकार का होता है :-
बाह्य निषेचन ( External Fertilization )
आंतरिक निषेचन ( Internal Fertilization )
बाह्य निषेचन ( External Fertilization ) :-
जब शुक्राणु एवं अंडाणु के मिलने की क्रिया शरीर के बाहर होती है , तो उसे बाह्य निषेचन कहते हैं ,
जैसे :- मेंढक
आंतरिक निषेचन ( Internal Fertilization ) :-
जब शुक्राणु एवं अंडाणु के मिलने की क्रिया शरीर के अंदर होती है तो उसे आंतरिक निषेचन कहते हैं
जैसे :- मानव एवं अन्य बड़े जंतु ।
निषेचन के बाद युग्मनज या जाइगोट ( Zygote or Fertilized Egg ) का निर्माण होता है , जिससे आगे चलकर बनता है पूर्ण शिशु बनता है
महिला बंध्याकरण ( Female Sterilization )
महिला बंध्याकरण , गर्भधारण ( Pregnancy ) को रोकने का स्थाई तरीका है इसमें अंडवाहिनी का मार्ग अवरुद्ध कर दिया जाता है ।
यह संतानोत्पत्ति को रोकने का उपाय हैं ।
महिला बंध्याकरण के कई तरीके हैं
जैसे :- नलिका अवरोध ( Tubal Occlusion ) कॉपर- टी का उपयोग , मुख से खाने वाली गोलियां ( Oral Pills ) इत्यादि